देवानंद ने 1946 में ”हम एक हैं” से फ़िल्मी दुनिया में क़दम रखा था । इसके बाद उन्हें कई फ़िल्में मिलीं और एक वर्ष बाद जिद्दी के आने तक वे बड़े अभिनेता के रुप में स्थापित हो गए थे.
देवानंद ने कई बेहतरीन फ़िल्में की और अपने अभिनय का लोहा मनवाया। पेइंग गेस्ट, बाज़ी, ज्वेल थीफ, गाइड, सीआईडी, जॉनी मेरा नाम, अमीर गरीब, हरे रामा हरे कृष्णा और देस परदेस जैसी उन्होंने कई फिल्में दीं । देवानंद को २००१ में पद्मभूषण और २००२ में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे फिल्मों में सक्रिय थे और कुछ फिल्मों का निर्देशन और निर्माण कर रहे थे।
यूं तो देव साहब की फिल्म के कई गाने हिट रहे जो आज भी कानों को सुकून पहुंचाने हैं ।लेकिन आज मुझे उनका ये गीत बहुत याद आ रहा है — मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया …हर फिक्र को धूंए में उडा़ता चला गया……….
2 comments:
समय सन्दर्भ की अत्यावश्यक प्रस्तुति, आभार.
कृपया मेरी नवीन प्रस्तुतियों पर पधारने का निमंत्रण स्वीकार करें.
श्रद्धांजलि!!
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