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Monday, May 17, 2010

जी हां , इस साडी की कीमत चालीस लाख है

चौंकिए मत। आप जिस मोहतरमा को साडी़ का पल्लू दिखाते हुए देख रहे हैं , उसकी इस साडी की  कीमत एक हजार, दो हजार ,पांच हजार या दस हजार नहीं है, बल्कि पूरे 40 लाख रुपए है। इस साड़ी को तैयार किया है चेन्नई की एक सिल्क की साडी़ बनाने वाली कंपनी ने। अपनी तरह की अनोखी व महंगी साडी़ होने के कारण इसे गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्‍ड रिकार्ड्स में दर्ज करने का प्रयास किया जा रहा है।

आप सोच रहे होंगे की आखिर इस साडी़ की खासियत क्या है? चलिए बताये देते हैं कि इस साडी़ को बनाते समय बारह बेशकीमती पत्थरों का प्रयोग किया गया है। इस साड़ी में पन्ना,पीली नागमणि, नीलम, रूबी के अलावा सोने, हीरे, प्‍लेटिनियम और चांदी का काम किया गया है। इसके अलावा साडी़ पर बिल्ली की आंख के साथ पुखराज व मोती का भी काम किया गया है। साडी के पल्लू पर प्रसिद्ध चित्रकार रजा रवि वर्मा की एक लोकप्रिय पेंटिंग को उकेरा गया है,जिसमे एक महिलाओं का समूह लोक गीत प्रस्तुत कर रहा है। इस साडी के बनने में 4 680 घंटे लगे हैं। साडी के पूरे बार्डर पर कलात्मक चित्र बनाए गए हैं।  अब इस साडी का खरीददार मिले या न मिले मगर निर्माता कंपनी को इस बात में  सबसे ज्यादा रुचि है  कि  इस साडी के माध्यम से उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज हो जाए ।
कहिए है ना अजब - गजब साडी। इस साडी की जानकारी मुझे प्रदीप श्रीवास्तव जी से मिली है , जो मैं अपने ब्लऑग के माध्य्म से आप सब तक पहुंचा रही हूं कि आप इसे भले ही खरीद न सके मगर साडी को खुद तो देखें ही अपनी बीवियों को भी दिखाए और यदि उनकी इस साडी में रुचि हो तो तुरत जुट जाएं पैसा कमाने में