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Monday, January 11, 2010

'तबला वादन के क्षेत्र में एक लोकप्रिय नाम सोवन हजरा''


कुछ ऐसी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व होते हैं जो की सफलता की उन ऊचाइयो को छू लेते हैं जहाँ पर पहुचना हर किसी के बस में नहीं होता. संगीत जगत के ऐसे ही एक व्यक्तित्व हैं तबला वादक सोवन हजरा, जिनका तबला वादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है.
पारम्परिक संगीत के घराने में जन्में सोवन ने सात वर्ष की छोटी सी आयु में स्टेज पर कार्यक्रम पेश करना आरम्भ कर दिया था.ऐसे ही संगीत के एक कार्यक्रम में उन्होंने लगातार १५ मिनट तक तबला बजाया और सभी की वाह वाही हासिल की.
बनारस घराने के पंडित विश्वनाथ बोस, पंडित जयंत बोस व पंडित कुमार बोस के शिष्य सोवन हजरा ने भारतीय कलाकेन्द्र के पंडित मालवीय से भी संगीत सीखा और इन सभी गुरुओ की शिक्षाओ का भरपूर उपयोग कर संगीत जगत की ऊचाइयों को छूया. उन्होंने संगीत जगत की अनेको महान हस्तियों के साथ स्टेज पर परफ़ॉर्म किया है. जिनमें मशहूर गायिका परवीन सुल्ताना, सितार वादक पंडित रवि शंकर, पंडित देबू चौधरी आदि तो हैं ही, इनके अलावा सोवन नृत्यांगना पदमश्री सरोज बैधनाथन, यामिनी कृष्णमूर्ति आदि के साथ हमेशा ही कार्यक्रम पेश करते हैं.
सोवन ने सन २००३ में ''स्काय'' नाम से अपना एक म्यूजिकल ग्रुप भी बनाया. उनके इस पहले फ्यूजन शास्त्रीय बैंड ने पूरे देश में परफ़ॉर्म किया व सफलता भी प्राप्त की.
पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में प्रसिद्ध लेखक व उपन्यासकार मुल्क राज आनंद का १०५ वां जन्म दिवस समारोह मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित शास्त्रीय संगीत संध्या में सोवन हजरा ने शानदार प्रस्तुतियां पेश की. इनके साथ सारंगी पर संगत की सारंगी वादक सुहैल युसूफ ने. इससे पहले भी उन्होंने मुल्कराज आनंद के जन्म दिवस समारोह में सूफी गायक हंस राज हंस के साथ भी ऐसी शानदार जुगल बंदी पेश की जिसे आज तक श्रोता नहीं भूले हैं.