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Wednesday, September 22, 2010

बिना हीरोइन के बन रही है फिल्म ”पिंजरा”


पिछले दिनों नॉएडा के ब्रह्मा स्टूडियो में फ़िल्म ''पिंजरा'' का मुहूर्त शॉट हुआ, निर्देशक बिजेश जयराजन, निखिल और ज्योति डोंगरा के उपस्थिति में फ़िल्म का पहला सीन शूट हुआ. फ़िल्म के पहले ही सीन में फ़िल्म के नायक निखिल ने एक संवाद बोला, ''माँ मेरा एक्सीडेंट हो गया, बजरी पर मोटर साइकिल स्लिप हो गयी.''

मूलतः गाजियाबाद के निवासी निर्माता अतुल पाण्डेय की फ़िल्म ''पिंजरा'' की शूटिंग गाजियाबाद, नॉएडा, दिल्ली और धामपुर में २० सितम्बर से शुरू हुई. अतुल पाण्डेय की पहली फ़िल्म ''समर २००७'' समीक्षक वर्ग में बहुत पसंद की गयी थी और अभी तक ''समर २००७'' विभिन्न राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में प्रशंसा पा रही है. फ़िल्म ''समर २००७'' किसानों द्वारा आत्महत्या पर आधारित थी.''समर २००७'' फ़िल्म के लेखक थे, बिजेश जयराजन. और यही बिजेश जयराजन अतुल पाण्डेय की इस
फ़िल्म ''पिंजरा'' के लेखक व निर्देशक हैं. इस फ़िल्म में हीरो की भूमिका में हैं निखिल पाण्डेय. जिनकी यह पहली फ़िल्म है और अन्य महत्वपूर्ण किरदारों में हैं ज्योति डोगरा और संदीप कुलकर्णी. हीरो निखिल बेरी बैरी जॉन अकादमी के टॉपर हैं. ज्ञात रहे कि बैरी जॉन शाहरुख खान, मनोज बाजपेयी, फ्रीडा पिंटो जैसे स्टार के भी गुरु रह चुके है. अभिनय के आलावा निखिल फ़ुटबाल के भी दीवाने हैं वह अपने कालेज के सर्वश्रेष्ठ खिलाडियों में गिने जाते हैं. उन की पसंदीदा टीम चेलसी है, और पसंदीदा खिलाडी फ्रेंक लम्फार्ड हैं. फ़िल्म की ४० दिन की शूटिंग में से २२ दिन दिल्ली, नॉएडा, गाज़ियाबाद में व १८ दिन की शूटिंग धामपुर में होगी.
निर्देशक बिजेश जयराजन की माने तो उनके अनुसार फ़िल्म का सब्जेक्ट दिल को छू लेने वाला है साथ ही फ़िल्म की विशेषता है कि फ़िल्म में कोई हीरोइन नही है. और भारत में बिना किसी हीरोइन के फ़िल्म बनाना अपने आप में सबसे बड़ी उपलब्धि होगी, बिजेश के अनुसार फ़िल्म ''पिंजरा'' में हम गाजियाबाद , नॉएडा व दिल्ली की प्रतिभाओ को मौका भी दे रहे हैं.

Tuesday, September 21, 2010

''शीतल उड़ी मस्त गगन में''


  आसमान में पंछियों को उड़ते देख हर कोई सपने देखने लगता है कि वह भी पंछियों की तरह उन्मुक्त होकर आसमान की सैर करे । ठीक ऎसा ही सपना पुणे की शीतल महाजन ने देखा था जिसे उसने 19सितंबर रविवार को पूरा कर दिखाया । हालांकि शीतल महाजन के नाम पहले भी कई रिकॉर्ड कायम है, लेकिन उन्होंने अब एक नया रिकॉर्ड बनाया है. ''बर्ड मैन'' सूट के साथ १३००० फीट की ऊचाई से एक विमान से कूदने का.
१९ सितम्बर को स्पेन में भारतीय समय के मुताबिक शाम के 8 बजे शीतल ''बर्ड मैन'' सूट के साथ १३००० फीट की ऊचाई से विमान से कूदी और फिर वह ४००० फीट तक पंखों के साथ एक चिड़िया की तरह उड़ी और बाद में फिर उन्होंने पैराशूट खोल कर सामान्य लैंडिंग की.
इस तरह विंग सूट (बर्ड मैन) पहन कर एक पक्षी की तरह उड़ना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है किसी भी भारतीय महिला के लिए. आज से पहले किसी भी भारतीय ने ऐसी जम्प नही की. शीतल के लिए तो यह एक नया रिकॉर्ड है ही और भारत के लिए भी यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड है.
शीतल से जब उनकी इस उपलब्धि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ''बहुत ही अच्छा व अलग सा अहसास है यह मेरे लिए, कैसे एक पक्षी आसमान में उड़ता है अब मुझे इसका अहसास है, मुझे बहुत ही ख़ुशी है कि मै यह सब कर सकी.
हालाँकि मैंने पहले भी पैराशूट से १८ अप्रैल २००४ में २४०० फीट से ३७ डिग्री सेल्सियस में उत्तरी ध्रुव पर बिना प्रशिक्षण जम्प की थी. फिर उसके बाद १६ दिसंबर २००६ अंटार्कटिका महाद्वीप पर ३८ डिग्री सेल्सियस में ११६०० फीट से जम्प की थी. लेकिन खुले आकाश में पक्षी की तरह उड़ना एक अलग ही तरह की ख़ुशी है.''
इस भारतीय महिला को उनकी इस महान उपलब्धि के लिए बहुत - बहुत शुभकामनाएं । साथ ही जोखिम भरी चुनौती को हंसते - हंसते साहस के साथ पूरी करने वाले उनके जज्बे को हम सलाम ठोंकते हैं क्योंकि शीतल ने इस जोखिम भरी उड़ान के साथ आसमान में कलाबाजियां खाकर भारतीय महिलाओं का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है । 

Monday, September 20, 2010

कार मालिकों सर्विस सेन्टर में जाएं तब सावधान रहें.......

अगर आपकी कार खराब हो गई है और आप उसे लेकर सर्विस सेन्टर में जा रहे हैं तो विशेष सावधानी बरतें । क्योंकि ऎसा भी हो सकता है कि आपकी कार सही होने के बजाए और बीमार हो जाए । कहने का मतलब है कि उसके सही पुर्जे सर्विस सेन्टर पर निकाल लिए जाएं । जानी - मानी कार कम्पनी के अधिकृत शोरूम में ठीक होने के लिए आई गाडियों के महंगे पार्ट्स बदलने का मामला सामना आया है । कम्पनी के ग्राहक पुरुषोत्तम दास गर्ग ने जहांगीर पुरी स्थित एक सर्विस सेन्टर पर आरोप लगाया है कि यहां उनकी गाड़ी के सस्पेंशन , एक्सेल और टायर जैसे पार्ट्स निकालकर दूसरी गाड़ी में लगा दिए गए हैं । इस संबंध में पुरुषोत्तम दास ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई है ।
शिकायत के मुताबिक पुरुषोत्तम दास ने एक दुर्घटना के बाद अपनी पांच माह पुरानी क्रूज गाड़ी को मरम्मत के लिए इस सर्विस सेन्टर में पिछले माह अगस्त की 24 तारीख को दी थी । लेकिन सर्विस सेन्टर प्रबंधकों ने गाड़ी को ठीक करना तो दूर उसका एस्टीमेट बनाकर बीमा कंपनी को सूचित करना भी उचित नहीं समझा । सर्विस सेन्टर के बार - बार चक्कर काटने के बाद जब पुरुषोत्तम 18 सितंबर को वर्कशॉप में गए तो उन्हें यह देखकर धक्का लगा कि उनकी गाड़ी के ठीक पुर्जे [ जिनका दुर्घटना से कोई वास्ता नहीं था ] निकालकर दूसरी गाडी में लगा दिए गए हैं । अपनी नई गाड़ी की यह हालत देखकर गर्ग ने जब तहकीकात की तो पता चला कि इस सर्विस सेन्टर में गाडियों के पुर्जे बदलना आम बात है । इधर सर्विस सेन्टर के प्रबंधक इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं ।
परुषोत्तम गर्ग का कहना है कि थाना महेन्द्र पार्क पुलिस कहने को तो जांच में लगी है , मगर हकीकत यह है कि वह उन पर समझौता करने का दवाब डाल रही है ।

Friday, September 10, 2010

ईद मुबारक

सभी को ईद की मुबारकबाद ।यह सुंदर और विहंगम दृश्य , जो आप देख रहे हैं ,यह पवित्र शहर मक्का स्थित सबसे बड़ी मस्जिद का है । यहां २९ अगस्त को हजारों की संख्या में मुस्लिम लोग एकत्रित हुए और रमजान की नमाज अदा  की ।

Wednesday, September 8, 2010

विश्व की सबसे छोटी हस्तलिखित ”पवित्र कुरान ”


विश्व की सबसे छोटी हस्तलिखित ”पवित्र कुरान ”आबेद रेबो को अपनी महान दादी से विरासत में मिली है । यह पवित्र कुरान का पूर्ण संस्करण है जो कि 2.4cm x 1.9cm साइज की है । इसमें कुल 604 पेज हैं जिन्हें सोने की स्याही से सजाया गया है । हसन आबेद के कहने के मुताबिक यह छोटी पवित्र कुरान उनके बेरूत स्थित घर में लिखी गई ।

Wednesday, September 1, 2010

लो फिर आ गया ”इमोशनल अत्याचार ” करने


आज कल जिसे देखो बिंदास टी वी पर प्रसारित कार्यक्रम इनोशनल अत्याचार का दीवाना बना हुआ है विशेषकर युवा वर्ग, जो कि खुद ही इस कार्यक्रम का केंद्र भी हैं. क्या यह कार्यक्रम सच में किसी पर हुए इमोशनल अत्याचार को दिखाता है किसी भी दृष्टि कोण से देखकर ऐसा तो नजर बिल्कुल नही आता, इसे देख कर तो यही लगता है कि यह केवल सेक्स की बात ही दर्शको को दिखाता है. हर एपिसोड में एक लड़का और और लड़की केवल किस करते या सेक्स की बातें ही करते नजर आते हैं. भावानाएँ तो कही भी नजर नही आती हैं ?
क्या आज के युवा इतने बेवकूफ हैं कि एक दो बार मिली किसी भी लड़की या लड़के से बस सेक्स के बारें में ही बात करते हैं. और कोई भी लड़का किसी भी लड़की से ४-५ तमाचे खाने के बाद भी हँसता रहता है, क्या सच में ऐसा होता है ?
हम क्या दिखा रहे हैं टी वी पर युवाओं को, अगर यही दिखाना है तो इसका नाम बदल देना चाहिए. कम से कम इमोशन के नाम पर सेक्स कि बाते तो नही देखने को मिलेगी, और अगर यह कार्यक्रम इसी नाम से दिखाना है तो चैनेल पर कम से कम इसके प्रसारण का समय तो बदल ही देना चाहिए. देर रात इसे दिखा सकते है कम से कम किशोर बच्चे तो इसे देखने से बचेगे, क्योंकि कार्यक्रम के निर्माता का कहना है कि आज के युवा बहुत ही प्रैक्टिकल व पाजिटिव हैं उनको अपनी किसी भी भावना को दिखाने में किसी भी तरह की कोई शर्म नही आती. और उन्हें सच कहने में किसी भी प्रकार की कोई शर्म नही आती है ?
''इमोशनल अत्याचार'' का सीजन टू आरम्भ हो चुका है और पहले ही एपिसोड के बाद इस चैनेल की लोकप्रियता और भी बढ गयी है. क्या यह सब केवल अपने चैनेल की लोकप्रियता बढाने के लिए ही है.
कार्यक्रम के होस्ट प्रवेश राना व लडकियों के बीच भी कुछ ऐसी बाते होती हैं जिन्हें अनजान लोग आपस में शायद नही कर सकते हैं. लडकियां भी ऐसी-ऐसी बाते व गाली देती हैं जिन को छिपाने के लिए बीप की बार बार आवाजे आती हैं. क्या यह सच में यह इमोशनल अत्याचार है या सेक्स अत्याचार.