अगर आज कोई मुझसे पूछे कि मैंने किस पार्टी को वोट दिया है तो मैं इस बात का खुलासा हर्गिज नहीं करूंगी कि मैंने किसे वोट दिया है ...इसलिये मैं नहीं समझती कि दूसरे लोग भी अपने वोट का खुलासा करने के हक में होंगे ...और यदि ऐसा है तो एग्जिट पोल के सर्वे विश्वास करने के काबिल नहीं हैं .............
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Tuesday, May 13, 2014
Tuesday, May 6, 2014
अंधविश्वास के चक्कर में ना पडे़ं ..........
आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट फ़ेसबुक के साथ - साथ मोबाइल एप्स के माध्यम से आने वाले मैसेजेस में एक अजीब रिवाज चल पडा़ है । जिसके तहत देवी - देवताओं की तस्वीर चस्पा कर उसमें लिखा जा रहा है कि इसे देखकर तुरत लाईक करो या इस मैसेज को कम से कम 9 - 10 लोगों को भेजो । इससे तुम्हारे मन की मुराद पूरी होगी और यदि ऐसा नही किया तो तुम्हे कोई बुरी खबर मिलेगी या बदकिस्मत हो जाओगे ।
बडे हैरत की बात है कि कुछ लोग ऐसी हरकतें करके अंधविश्वास फैलाने में लगे हैं और हम लोग बडी़ आसानी से उनके झांसे में आकर अपनी सूझबूझ खोकर ऐसी फोटोज को लाइक कर आगे भेज रहे हैं । ये भी नही सोचते कि क्या ऐसे मैसेजेस भेजने या लाइक करने से कभी किसी की मन्नत पूरी हुई है जो अब तुम्हारी होगी ? जबकि ऐसे मैसेजेस सिवाय उलझन ही पैदा करते हैं । साथ ही ये मैसेजेस टेंशन देने के अलावा अंधविशवास को भी फैलाते हैं ।
अत: फ़ेसबुक यूजर्स और मोबाइल यूजर्स सावधान रहें और बिना किसी डर के तथा अंधविश्सवास में पडे ऐसे मैसेजेस को डिलीट करें । और भेजने वालों से गुजारिश है कि वे अजीबोगरीब हरकतें करना बंद करें और अपने कर्म पर ध्यान दें । क्योंकि आपके साथ अच्छा या बुरा जो भी होता है वो सब आपके कर्मो से ही तय होता है । ज्यादा कुछ नहीं तो दूसरे लोगों को शांति से जीने दें ।
बडे हैरत की बात है कि कुछ लोग ऐसी हरकतें करके अंधविश्वास फैलाने में लगे हैं और हम लोग बडी़ आसानी से उनके झांसे में आकर अपनी सूझबूझ खोकर ऐसी फोटोज को लाइक कर आगे भेज रहे हैं । ये भी नही सोचते कि क्या ऐसे मैसेजेस भेजने या लाइक करने से कभी किसी की मन्नत पूरी हुई है जो अब तुम्हारी होगी ? जबकि ऐसे मैसेजेस सिवाय उलझन ही पैदा करते हैं । साथ ही ये मैसेजेस टेंशन देने के अलावा अंधविशवास को भी फैलाते हैं ।
अत: फ़ेसबुक यूजर्स और मोबाइल यूजर्स सावधान रहें और बिना किसी डर के तथा अंधविश्सवास में पडे ऐसे मैसेजेस को डिलीट करें । और भेजने वालों से गुजारिश है कि वे अजीबोगरीब हरकतें करना बंद करें और अपने कर्म पर ध्यान दें । क्योंकि आपके साथ अच्छा या बुरा जो भी होता है वो सब आपके कर्मो से ही तय होता है । ज्यादा कुछ नहीं तो दूसरे लोगों को शांति से जीने दें ।
लेबल:
सामाजिक
Monday, May 5, 2014
३० मई को रिलीज़ हो रही है फिल्म बाबा रामसा पीर
३० मई को रिलीज़ हो रही है फिल्म “बाबा रामसा पीर’. राजस्थान के जाने माने संत ‘बाबा रामसा पीर’ की इस फिल्म का निर्माण किया है औशिम खेत्रपाल ने. जिन्होंने इस फिल्म से पहले “शिरडी साईं बाबा” नामक फिल्म बनाई थी. अभिनेता औशिम खेत्रपाल ऐतिहासिक फिल्म “बाबा रामसा पीर” में बाबा के चरित्र को अभिनीत कर रहे हैं. इस फिल्म से पहले इन्होने फिल्म ‘शिरडी साईं बाबा’ में भी अभिनय किया था.
१४ शताब्दी में एक
संत थे जिनका नाम रामसा था जिन्होंने सबसे पहले हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश
फैलाया जिन्हें हिंदू बाबा और मुसलमान पीर कहते थे और दोनों ही इनकी पूजा करते थे.
यह नाम बाबा को फारस के इनके ५ साथियों ने ही दिया था जो की उस समय भारत आये थे.
इन्हीं “बाबा रामसा पीर” की कहानी पर आधारित है यह फिल्म, जिसका निर्माण हुआ है
सतीश टंडन प्रोडक्शन एंड ओरिएंट ट्रेडलिंक
लिमिटेड के बैनर में.
इस फिल्म में अभिनय किया है साईं भक्त के रूप में विश्व में प्रसिद्ध औशिम खेत्रपाल
और अभिनेत्री ग्रेसी सिंह ने. फिल्म की शूटिंग हुई है मुंबई, जोधपुर, जयपुर और
रोंचा गाँव जहाँ पर बाबा रामसा की समाधि है. यह फिल्म राजस्थानी और हिंदी आदि दो
भाषाओ में बनी है. इस फिल्म में हिंदी, राजस्थानी भाषा के साथ-साथ गुजराती भाषा
में भी मधुर गीत संगीत है जो कि निश्चित रूप से श्रोताओ को पंसद आएगा.
३० मई को रिलीज़ हो रही है फिल्म
बाबा रामसा पीर
३०
मई को रिलीज़ हो
रही है फिल्म “बाबा रामसा पीर’. राजस्थान के जाने माने संत ‘बाबा रामसा
पीर’ की इस
फिल्म का निर्माण किया है औशिम खेत्रपाल ने. जिन्होंने इस फिल्म से पहले
“शिरडी साईं बाबा” नामक फिल्म बनाई थी. अभिनेता औशिम खेत्रपाल
ऐतिहासिक फिल्म “बाबा रामसा पीर” में बाबा के चरित्र को अभिनीत कर रहे हैं.
इस
फिल्म से पहले इन्होने फिल्म ‘शिरडी साईं बाबा’ में भी अभिनय किया था.
१४ शताब्दी में एक
संत थे जिनका नाम रामसा था जिन्होंने सबसे पहले हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश
फैलाया जिन्हें हिंदू बाबा और मुसलमान पीर कहते थे और दोनों ही इनकी पूजा करते थे.
यह नाम बाबा को फारस के इनके ५ साथियों ने ही दिया था जो की उस समय भारत आये थे.
इन्हीं “बाबा रामसा पीर” की कहानी पर आधारित है यह फिल्म, जिसका निर्माण हुआ है
सतीश टंडन प्रोडक्शन एंड ओरिएंट ट्रेडलिंक
लिमिटेड के बैनर में.
इस फिल्म में अभिनय किया है साईं भक्त के रूप में विश्व में प्रसिद्ध औशिम खेत्रपाल
और अभिनेत्री ग्रेसी सिंह ने. फिल्म की शूटिंग हुई है मुंबई, जोधपुर, जयपुर और
रोंचा गाँव जहाँ पर बाबा रामसा की समाधि है. यह फिल्म राजस्थानी और हिंदी आदि दो
भाषाओ में बनी है. इस फिल्म में हिंदी, राजस्थानी भाषा के साथ-साथ गुजराती भाषा
में भी मधुर गीत संगीत है जो कि निश्चित रूप से श्रोताओ को पंसद आएगा.
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