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Saturday, July 12, 2008

नई सीट बेल्ट !

आरुषी मर्डर केस की गुत्थी सुलझी ?

सी बी आई ने अब तक की सबसे बडी मर्डर मिस्ट्री आरूषी हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने का दावा कर कांड के मुख्य आरोपी कृष्णा, राजकुमार व विजय मंडल को गिरफ्तार कर्के जेल भेज दिया है । इसके अलावा आरूषी के पिता डॉक्टर तलवार को ,उन्के खिलाफ कोई सबूत न मिल पाने की बिना पर ,क्लीन चिट दे दी और इसी बिनापर डॉक्टर तलवार को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया है । अब भले ही डॉ. तलवार ने बेटी का कत्ल नहीं किया है मगर सीबीआई की कहानी हजम नहीं हो पा रही है । क्योंकि अभी तक कई एसे सवाल हैं जिनका जवाब अभी भी बाकी है ?
अगर सीबीआई की कहानी को माने तो बडे हैरानी होती है कि बगल के कमरे में डॉक्टर दम्पति सोते रहे और उन्हें घर में हो रहे तांडव की कानोकान खबर तक नहीं लगी ?
-घर में रह रहे नौकर हेमराज की इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि वह रात के समय घर में तीन दोस्तों को बुलाकर जाम से जाम टकराता है और डॉक्टर साहब को भनक तक नहीं लगती है ?
-पहले कहा जा रहा था कि डॉक्टर साहब सोने से पहले बेटी के कमरे का बाहर से ताला लगाकर ही सोते थे , फिर उस रात न तो कमरे में बाहर ताला था और न ही कमरे का अंदर से कुंडा लगाया गया था , आखिर क्यों ?
-सीबीआई के दावे में कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है कि पूरा हत्याकांड प्री प्लान था या शराब पीकर तैश में उठाया गया कदम ?
-चलिए मान लिया कि हत्याकांड में तीनों आरोपियों का हाथ है ,अगर एसा है तो अभी तक हत्या में प्रयोग किए गए वेपन अभी तक बरामद क्यों नहीं किए जा सके हैं ?
-इस पूरे डबल मर्डर केस में डॉक्टर तलवार की चुप्पी किसी अन्य राज की और इशारा कर रही है ?
बहरहाल ,केस की गुत्थी को भले ही सुलझा हुआ मान लिया जाए लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद यह कहानी गले से नीचे नहीं उतर रही है ?