हिन्दी जगत में प्राख्यात रहे साहित्यकार - उपन्यास्कार मुंशी प्रेमचंद्र का कल ३० जुलाई को १२९ वां जन्म दिवस मनाया गया । यह बात हमारे हिन्दी साहित्य जगत के नुमाइंदों को शायद याद नहीं रही या फिर उन्होंने मुंशी जी को याद करने की जरूरत नहीं समझी तभी तो कहीं से भी मुंशी जी को याद करने की सुगबुगाहट सुनाई नहीं दी । लेकिन भला हो इन फिल्मकारों का , जिन्होंने किसी न किसी रूप में मुंशीजी को याद करके उनकी अहमियत और उनके द्वारा हिन्दी जगत को दिए योगदान को हमसे पुन: रूबरू करा दिया । यूं तो मुंशीजी ने कई हिन्दी उपन्यास लिखे हैं किंतु इस समय मुझे उनका ’गोदान’खूब याद आ रहा है ।
फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने मुंशीजी के जन्म दिवस पर ’गुलदस्ता’ नाम से डीवीडी तथा ३वीसीडी का एक कलेक्शन जारी किया है । इसमें मुंशीजी द्वारा लिखी गईं कहानियों का फिल्मांकन किया है ताकि हमारा युवा वर्ग इन कहानियों से प्रेरणा ले और मुंशीजी की याद को अपने दिलों में संजो कर रख सकें ।