Followers

Showing posts with label सामाजिक. Show all posts
Showing posts with label सामाजिक. Show all posts

Tuesday, May 6, 2014

अंधविश्वास के चक्कर में ना पडे़ं ..........

आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट फ़ेसबुक के साथ - साथ मोबाइल एप्स के माध्यम से आने वाले मैसेजेस में एक अजीब रिवाज चल पडा़ है । जिसके तहत देवी - देवताओं की तस्वीर चस्पा कर उसमें लिखा जा रहा है कि इसे देखकर तुरत लाईक करो या इस मैसेज को  कम से कम 9 - 10  लोगों को भेजो । इससे तुम्हारे मन की मुराद पूरी होगी और यदि ऐसा नही किया तो तुम्हे कोई बुरी खबर मिलेगी या बदकिस्मत हो  जाओगे ।
बडे हैरत की बात है कि कुछ लोग ऐसी हरकतें करके अंधविश्वास फैलाने में लगे हैं और हम लोग बडी़ आसानी से उनके झांसे में आकर अपनी सूझबूझ खोकर ऐसी फोटोज को लाइक कर आगे भेज रहे हैं । ये भी नही सोचते कि क्या ऐसे मैसेजेस भेजने या लाइक करने से कभी किसी की मन्नत पूरी हुई है जो अब तुम्हारी होगी ? जबकि ऐसे मैसेजेस सिवाय उलझन ही पैदा करते हैं ।  साथ ही ये मैसेजेस टेंशन देने के अलावा अंधविशवास को भी फैलाते हैं ।
अत: फ़ेसबुक यूजर्स और मोबाइल यूजर्स सावधान रहें और बिना किसी डर के तथा अंधविश्सवास में पडे  ऐसे मैसेजेस को डिलीट करें । और भेजने वालों से गुजारिश है कि वे अजीबोगरीब हरकतें करना बंद करें और अपने कर्म पर ध्यान दें । क्योंकि आपके साथ अच्छा या बुरा जो भी होता है वो सब आपके कर्मो से ही तय होता है ।  ज्यादा कुछ नहीं तो दूसरे लोगों को शांति से जीने दें ।

Wednesday, October 27, 2010

दीवाली मेलों की धूम

इस समय राजधानी दिल्ली में दीवाली मेलों की धूम मची हुई है । एक ओर जहां दिल्ली के बाजार , मॉल्स व दुकानें तरह - तरह के साजो - सामान के साथ ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने में लगे हुए हैं । वहीं गैर सरकारी संस्थाएं मेलों का आयोजन कर लोगों का भरपूर मनोरंजन कर हमें हमारी संस्कृति से जोड़ने की अहम भूमिका निभा रही हैं । इस संबंध में नई दुनिया अखबार में प्रकाशित मेरी एक रिपोर्ट देखिए --------

http://www.naidunia.com/Details.aspx?id=191017&boxid=29915524

Saturday, August 14, 2010

एक शाम आजादी के नाम


वास्तव में हमारा देश बहुमुखी प्रतिभा का धनी है यहाम एक से बढ़कर एक वीर सपूत , शिक्षाविद ,व होनहारों की कोई कमी नहीं है । एसे होनहारों के अजूबे देखकर दिल खुशी से झूम उठता है और जुबां उनकी सराहना करते नहीं थकती । आजकल टी वी चैनलों पर ऎसे कारनामे आएदिन देखने को मिल रहे हैं । लेकिन जब कोई कारनामा हम अपने समक्ष देखते हैं तो आंखें खुली कि खुली रह जाती हैं । ऎसा ही एक कारनामा करते देखा अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बाबा सत्यनारायण मौर्य को । बाबा मौर्य को एक ही समय में गीत , संगीत व काव्य पाठ के साथ - साथ चित्रकारी करते हु भी देखा जो किसी अजूबे से कम नहीं लगा । चित्रकारी ऎसी कि जिसमें रंग और ब्रश तो थे लेकिन उसमें रबिंग के लिए कोई जगह नहीं थी ।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या परयहां टेक्निया सभागार में भिवानी परिवार मैत्री संघ द्वारा "एक शाम आजादी के नाम " समारोह का सफल आयोजन किया गया ।भारत माता की आरती व उनके गुणगान के साथ मनाया गया देश की आजादी का रंगारंग समारोह । गीत- संगीत व चित्रकला को अपने में संजोए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार बाबा सत्यनारायण मौर्य ने अपनी अनूठी कलाओं का प्रदर्शन कर समारोह में उपस्थित लोगों को खूब रोमांचित किया ।  
    इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बाबा मौर्य ने कहा कि भले ही आज हम देश की आजादी का जश्न मनाकर खुश हों लें मगर आजादी की सार्थकता तभी  होगी जबकि देश का हर नागरिक एकजुट हो देश के विकास में अपना योगदान दे । अपने गीतों व कला के जरिए बाबा मौर्य ने पर्यावरण को बचाने ,भ्रष्टाचार को मिटाने जैसे संदेश जनमानस को दिए । इस दौरान उन्होंने भारत माता के साथ - साथ भगत सिंह व आजाद के भी चित्र बनाए । समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सीमा शुल्क आयुक्त महेन्द्र सिंह श्योराण ,नवलकिशोर गुप्ता व ओमप्रकाश गोयल उपस्थित रहे । संघ के अध्य्क्ष राजेश चेतन ने कहा कि भिवानी के लोगों को एकजुट करके देश व समाज के विकास में योगदान देना ही संस्था का मूल उद्देश्य है । इस अवसर पर सुरेश बिंदल , जगदीश मित्तल , विनोदतिवारी ,  पुरुषोत्तम अग्रवाल , भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ व भिवानी मूल के अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही ।

Wednesday, July 7, 2010










आप लोग यहां कुछ चित्र देख रहे हैं जिन्हें देखकर यह स्पष्ट होना मुश्किल हो रहा होगा कि ये क्या है ? ठीक आप समझ नहीं पा रहे हैं , हैरान हैं , खैर परेशान न हों और ना ही अपना माथा पच्ची करें , मैं ही बताए देती हूं कि ये हेट अथवा शो पीस सा दिखने वाली तस्वीरें ह्कीकत में वेडिंग केक्स हैं जो स्पेशल तैयार किए गए हैं ।