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Tuesday, August 8, 2017

आत्मविश्वास बढ़ाए काउंसलिंगशशि सिंघ

शशि सिंघल
आज सुनिधि काफी तनावमुक्त लग रही थी। उसने बताया कि स्कूल में नियुक्त एजूकेशनल काउंसलर की मदद से उसके बेटे अमन का उग्र होता व्यवहार अब शांत हो रहा है। काउंसलर यानि परामर्शदाता ने तीन-चार सिटिंग में इस समस्या को सुलझा दिया। जबकि वह स्वयं बेटे के व्यवहार के सामने हथियार डाल चुकी थी। वहीं पिछले छह माह से पारिवारिक कलह के कारण अलग रह रहे अंशुला और विकास अब एक साथ रहने लगे हैं। कारण, काउंसलर की मदद और सलाह से उन दोनों के बीच जो भी गलतफहमियां थीं, दूर हो गई हैं।  काउंसलर ने पर्सनल रिलेशनशिप सुधारने के कई मंत्र भी उन्हें दिए हैं।
क्या है काउंसलिंग ?
काउंसलिंग अर्थात परामर्श, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत काउंसलर (परामर्शदाता) किसी भी व्यक्ति को उसकी व्यक्तिगत समस्याओं एवं कठिनाइयों को दूर करने की सलाह, सहायता तथा मार्गदर्शन देता है। जिंदगी जीने की ललक जगाता है। काउंसलर की मदद से व्यक्ति अपनी समस्याएं पहचानने, उन्हें दूर करने से जुड़े निर्णय लेने तथा स्वयं आत्मविश्वासी बनने में सक्षम हो जाता है। आज के दौर में निर्देशन (गाइडेंस) के तहत परामर्श एक आयोजित विशिष्ट सेवा के साथ-साथ सहयोगी प्रक्रिया बन गई है।
परामर्श के दौरान परामर्शदाता सलाह या सुझाव ही नहीं देते बल्कि संबंधित व्यक्ति के लिए एक दर्पण के समान कार्य करते हैं। काउंसलर इंटरव्यू तथा प्रेक्षण के जरिये सेवार्थी के पास जाता है और उसे उसकी शक्ति और सीमाओं का अहसास कराता है। उसमें आत्मविश्वास जगाता है।
काउंसलिंग एक प्रक्रिया 
व्यावसायिक निर्देशन के क्षेत्र में प्रमुख योगदान देने वाले प्रख्यात लेखक ई.डब्ल्यू.  मायस ने कहा है कि परामर्श देना महान कला है। पुराने वक्त का परामर्शदाता चौपाल में बैठा, दूर एक परिपक्व सामाजिक प्राणी था। जो समय व परिस्थिति के चलते ही अपने अनुभवों से दूसरों को ज्ञान देता था। लेकिन बदलते समय के साथ-साथ चौपालें बदल गईं और चौपालों पर बैठा वह परिपक्व इंसान भी। इसके साथ ही सलाह व परामर्श का स्वरूप भी बदल गया।
कौन होता है काउंसलर?
अपने क्षेत्र में प्रशिक्षित व्यक्ति होता है काउंसलर। जिसे लोगों की मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, वित्तीय तथा आध्यात्मिक जैसी समस्याओं तथा आवश्यकताओं का पूरा ज्ञान होता है।
अच्छे काउंसलर के गुण
एक अच्छे काउंसलर का काम है आपकी रुचि को समझाना और आपकी प्रतिभा को जानकर बढ़ावा देना। आप में आत्मविश्वास को बढ़ावा देना। समस्या की जड़ तक जाने के लिए आपको पूर्ण रूप से जानने के लिए आपसे व्यक्तिगत सवाल रहेगा। आपके परिवार स्कूल, कॉलेज, दोस्त, पड़ोसी से जुड़ी हर बात को जानेगा।  काउंसलर आपकी रुचि को जानकर सलाह देते हैं कि किस प्रकार की नौकरी करनी चाहिए। उनका काम आपके भविष्य को संवारना ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी मदद करना है।
डिमांड में है काउंसलिंग
आज आधुनिकता की ओर बढ़ते कदम, भागदौड़ से भरी जिंदगी तथा तेजी से बदलते सामाजिक परिवेश में काउंसलिंग की परम्परा ने अपने पैर पसार लिए हैं। हालात यह है कि व्यक्ति की निजी हो या बाहरी समस्याएं इनके समाधान के लिए वह काउंसलर का दामन थामने से नहीं हिचकता। मसलन लोगों के समक्ष पहले की अपेक्षा अपने जीवन को सुचारू ढंग से जीने के लिए जितनी व्यापक संभावनाएं व विकल्प हैं, उससे कहीं ज्यादा विकट व असमंजस वाली स्थितियां भी हैं। ऐसे में लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है जिसका उनके जीवन पर खराब प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें एक एक्सपर्ट की आवश्यकता पड़ रही है। जिससे काउंसलिंग की डिमांड बढ़ गई है। विशेष बात यह है कि इस चलन के चलते काउंसलिंग का क्षेत्र भी बढ़ रहा है।