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Tuesday, December 15, 2009

सामाजिक संदेश लेकर आएगी असीमा : ग्रेसी सिंह



अभिनेत्री ग्रेसी सिंह ने बड़े परदे पर अपना अभिनय सफर आरम्भ किया फ़िल्म ''लगान'' से. निर्देशक आशुतोष गावरिकर की इस फ़िल्म में उनके हीरो थे आमिर खान, इस फ़िल्म ने अपार सफलता हासिल की, इस फ़िल्म के बाद ग्रेसी की अगली फ़िल्म आयी “मुन्ना भाई एम बी बी एस”, इस फ़िल्म ने भी सफलता के कई कीर्तिमान स्थापित किये. फिर आयी ''गंगाजल'' और फिर ''अरमान''. इन सभी फिल्मों की सफलता से ग्रेसी को लोगो ने लकी हिरोइन मान लिया. इन फिल्मों के बाद वजह, मुस्कान, शर्त - द चैलेंज आदि उनकी कई फ़िल्में आयीं लेकिन इन फिल्मों को वो सफलता नहीं मिली जो कि मिलनी चाहिए थी. फिर उनकी फ़िल्म आयी ''देश द्रोही'' इस फ़िल्म को भी जबर्दस्त चर्चा मिली. इस समय ग्रेसी चर्चित हैं अपनी आने वाली फ़िल्म ''असीमा'' के लिए. पिछले दिनों उनसे बातचीत हुई उनकी इसी आने वाली फ़िल्म के लिए. प्रस्तुत हैं कुछ अंश -
क्या फ़िल्म ''असीमा' किसी उपन्यास पर आधारित है?
हाँ यह फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त उड़िया उपन्यास ''असीमा'' पर आधारित है. इस उपन्यास को लिखा है उड़िया कवि और उपन्यासकार शैलजा कुमारी अपराजिता मोहंती ने.निर्देशक शिशिर मिश्रा की इस फ़िल्म ''असीमा'' के निर्माता हैं कबिन्द्र प्रसाद मोहंती. फ़िल्म के गीत लिखे हैं मनोज दर्पण, शब्बीर अहमद व सत्यकाम मोहंती ने और गीतों की धुनें बनायीं हैं संगीतकार समीर टंडन ने. उड़ीसा की ८० और ९० के दशक की दिल को छू लेने वाली कहानी है ''असीमा'' की.
फ़िल्म ''असीमा'' के बारें में बताइए क्या कहानी है और आपकी क्या भूमिका है?
यह फ़िल्म एक असीमा नामक महिला के जीवन पर आधारित है जो प्यार व रिश्तों को नये सिरे से परिभाषित करती है, यह महिला किस तरह से अकेले ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करती है इसके जीवन में बहुत सारे दुख व तकलीफ हैं कैसे वो इनसे छुटकारा पाती है. मैं असीमा की मुख्य भूमिका में हूँ. ''के जे ड्रींम वेंचर्स'' की इस फ़िल्म के निर्देशक हैं शिशिर मिश्रा.
क्या यह फ़िल्म दर्शकों को पसंद आएगी?
बिल्कुल क्योंकि फ़िल्म की कहानी बहुत ही अच्छी है, इसमें दर्शको को एक प्यारी सी प्रेम कहानी तो देखने को मिलेगी ही इसके अलावा एक महिला के दुःख, दर्द की कहानी भी है फ़िल्म में.
ऐसा तो नहीं कि यह फ़िल्म पूरी तरह से गंभीर हो और दर्शको को इसमें मनोरंजन न मिले?
ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं, दर्शको को मनोरंजन तो पूरा मिलेगा ही, इसके साथ ही उन्हें सामाजिक संदेश भी मिलेगा.
आपने यह फ़िल्म क्यों साइन की?
क्योंकि मुझे इसकी कहानी बहुत ही अच्छी लगी. इसके अलावा मुझे असीमा के किरदार को निभाने वक्त एक साथ एक स्त्री के जीवन के तीन अलग अलग पहलूओं को निभाने का मौका मिला. साथ में मुझे यह भूमिका बहुत ही चुनौतीपूर्ण लगी.
निर्देशक शिशिर मिश्रा के साथ काम करना कैसा रहा?
बहुत ही अच्छा, उन्होंने ऐसी फ़िल्म बनायीं है जो कि हर किसी के दिल को छूएगी. मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहीं हूँ कि मैंने इसमें काम किया है जब आप इस फ़िल्म को देखेगें तब आप महसूस करेंगें. शिशिर ने पहले भी शाबाना आजमी जी [समय की धार] के साथ व स्मिता पाटिल जी [भीगी पलकें] के साथ फिल्मे बनायी हैं.