आज देश में देशभक्त शहीदों का अपमान, चारो तरफ फैले भ्रस्टाचार, प्राकृतिक संसाधनों की लूट, भारत के अन्दर व बाहर जमा कला धन, महंगी असमान शिक्षा, बेइंतहा महंगाई, बेरोजगारी, किसानों से जबरदस्ती भूमि अधिग्रहण, खुदरा व्यापर में विदेसी निवेश.............आदि ,आदि .
करोड़ों भारतीयों की जिन्दगी को बदहाली व भारत को गुलामी की तरफ धकेलने वाले इन काले कारनामों से मुक्ति क्या सिर्फ एक कानून बनने या सिर्फ एक पार्टी कि जगह दूसरी पार्टी की सत्ता लाने से संभव होगा? नहीं , हरगिज नहीं ! इसके लिए हमें भ्रष्ट व्यवस्था तथा इसको संरक्षण देने वाली सत्ता दोनों को बदलना होगा .
यह तभी संभव है जब देश के सभी इमानदार देशभक्त, लोकतान्त्रिक, समाजवादी, वामपंथी, विचारों वाले सभी धर्म, जाति, क्षेत्र व भाषा के व्यक्ति, स्वतंत्रता सेनानी व उनके परिवारजन सभी पार्टियाँ व किसान, मजदूर, व्यापारी, छात्र, युवा, महिला, कर्मचारी, पत्रकार, शिक्षक, लेखक, संस्कृतिकर्मी, गायक, नाटककार, अभिनेता आदि के द्वारा मिलकर रास्ट्रीय आन्दोलन चलाया जाय. इस आन्दोलन के साथ ही साथ वैकल्पिक व्यवस्था की रूपरेखा तथा उसको संचालित करने वाले नेतृत्व के निर्माण की प्रक्रिया चलाई जाए । अपने इसी संकल्प को लेकर तीसरा स्वाधीनता आंदोलन के तहत आग्ग्मी 15 अगस्त को सुबह दस बजे जंतर - मंतर पर शहीद सम्मान समारोह व राष्ट्रीय अभियान च्लाया जाएगा । जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों के भाग लेने की उम्मीद है । संस्था के राष्ट्रीय संगठक गोपाल्जी राय का कहना है कि लोग निम्न कार्यों के जरिये अपने इस राष्ट्रीय धर्म को निभा सकते हैं -
१- सभी अवरोधों व प्रलोभनों के बावजूद भारत व भारतियों की मुक्ति के लिए ईमानदारी व सादगीपूर्ण संघर्ष के लिए जीवन संकल्प.
२- आप जिस भी संगठन, पार्टी, समूह, क्षेत्र से जुड़ें हैं वहां इमानदार देशभक्त, लोकतान्त्रिक, समाजवादी, वामपंथी, विचारों वाले सभी धर्म, जाति,क्षेत्र व भाषा के व्यक्तियों को मिलकर रास्ट्रीय आन्दोलन चलाने के लिए प्रेरित करें.
३- अपने संगठन, पार्टी, समूह, क्षेत्र के आलावा अपने जानने वाले संगठन, पार्टी, समूह, क्षेत्र के मित्रों से संयुक्त रास्ट्रीय आन्दोलन की बात करें.
४- अपने फेसबुक, ब्लॉग, समाचार पत्र, पत्रिका, अपने संगठन के पर्चे, इलेक्ट्रानिक चैनल पर इसकी चर्चा करें तथा अपने दोस्तों को sms करें.
करोड़ों भारतीयों की जिन्दगी को बदहाली व भारत को गुलामी की तरफ धकेलने वाले इन काले कारनामों से मुक्ति क्या सिर्फ एक कानून बनने या सिर्फ एक पार्टी कि जगह दूसरी पार्टी की सत्ता लाने से संभव होगा? नहीं , हरगिज नहीं ! इसके लिए हमें भ्रष्ट व्यवस्था तथा इसको संरक्षण देने वाली सत्ता दोनों को बदलना होगा .
यह तभी संभव है जब देश के सभी इमानदार देशभक्त, लोकतान्त्रिक, समाजवादी, वामपंथी, विचारों वाले सभी धर्म, जाति, क्षेत्र व भाषा के व्यक्ति, स्वतंत्रता सेनानी व उनके परिवारजन सभी पार्टियाँ व किसान, मजदूर, व्यापारी, छात्र, युवा, महिला, कर्मचारी, पत्रकार, शिक्षक, लेखक, संस्कृतिकर्मी, गायक, नाटककार, अभिनेता आदि के द्वारा मिलकर रास्ट्रीय आन्दोलन चलाया जाय. इस आन्दोलन के साथ ही साथ वैकल्पिक व्यवस्था की रूपरेखा तथा उसको संचालित करने वाले नेतृत्व के निर्माण की प्रक्रिया चलाई जाए । अपने इसी संकल्प को लेकर तीसरा स्वाधीनता आंदोलन के तहत आग्ग्मी 15 अगस्त को सुबह दस बजे जंतर - मंतर पर शहीद सम्मान समारोह व राष्ट्रीय अभियान च्लाया जाएगा । जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों के भाग लेने की उम्मीद है । संस्था के राष्ट्रीय संगठक गोपाल्जी राय का कहना है कि लोग निम्न कार्यों के जरिये अपने इस राष्ट्रीय धर्म को निभा सकते हैं -
१- सभी अवरोधों व प्रलोभनों के बावजूद भारत व भारतियों की मुक्ति के लिए ईमानदारी व सादगीपूर्ण संघर्ष के लिए जीवन संकल्प.
२- आप जिस भी संगठन, पार्टी, समूह, क्षेत्र से जुड़ें हैं वहां इमानदार देशभक्त, लोकतान्त्रिक, समाजवादी, वामपंथी, विचारों वाले सभी धर्म, जाति,क्षेत्र व भाषा के व्यक्तियों को मिलकर रास्ट्रीय आन्दोलन चलाने के लिए प्रेरित करें.
३- अपने संगठन, पार्टी, समूह, क्षेत्र के आलावा अपने जानने वाले संगठन, पार्टी, समूह, क्षेत्र के मित्रों से संयुक्त रास्ट्रीय आन्दोलन की बात करें.
४- अपने फेसबुक, ब्लॉग, समाचार पत्र, पत्रिका, अपने संगठन के पर्चे, इलेक्ट्रानिक चैनल पर इसकी चर्चा करें तथा अपने दोस्तों को sms करें.
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