बोले फोटो शीर्षक के तहत दैनिक हिन्दुस्तान के १६ नवंबर के अंक में प्रकाशित फोटो पर गौर फरमाईए और बताईए कि क्या यह सब जो हम लोगों द्वारा किया जा रहा है सही है ? अन्यथा ऐसा करने वालों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाने चाहिए ?
निर्मला जी , आपने एकदम सही कहा कि विदेशों की तरह यहां भी ऐसे लोगों के खिलाफ कानून होना चाहिए । मगर हमारे देश में विडम्बना यह है कि कानून यहां सिर्फ उसकी धज्जियां बिखेरने तथा संबन्धित अफसरों द्वारा अपनी जेब भरने तक ही सीमित रह जाते हैं , कार्रवाई के नाम पर सिर्फ झुंझना ही रह जाता है ।
यह पूजा के नाम पर दिखावा और ढकोसला करने वाले लोगों की करतूत होती है. ऐसे लोगों को पूजा - पाठ से ज्यादा उसका दिखावा करने की इच्छा होती है. मैं अपने मोहल्ले में ब्रह्म-मुहूर्त में उठने वाले अधिकांश लोगों को दूसरे के बागीचों से पूजा के लिए फूल चुराते देखता हूँ तो वितृष्णा सी हो आती है ऐसे पोंगा पंडिताई पर.......
धर्म के नाम पर हर कोई बस दिखावा करने में लगा है....न तो किसी को पूजा-पाठ,भक्ति का ज्ञान और न ही अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का ही कोई भान । बस चल रहा है.......
आपके ब्लॉग पर बहुत देर से आना हुआ - हममें से ज्यादातर तो स्वयं ऐसा करते हैं कुछ देखकर भी अनदेखा कर देते हैं उस मुद्दे को आपने यहाँ उठाया - धन्यवाद्. इस विश्वास के साथ कि कुछ तो असर होगा.
11 comments:
बहुत गलत है ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाई होनी चाहिये अगर कोई कानून अभी नहीं है तो नया कानून जरूर बनना चाहियेजैसा कि विदेशों मे है। शुभकामनायें
भगवान् का भी अपमान है !!! पर समझाए कौन !!
निर्मला जी , आपने एकदम सही कहा कि विदेशों की तरह यहां भी ऐसे लोगों के खिलाफ कानून होना चाहिए । मगर हमारे देश में विडम्बना यह है कि कानून यहां सिर्फ उसकी धज्जियां बिखेरने तथा संबन्धित अफसरों द्वारा अपनी जेब भरने तक ही सीमित रह जाते हैं , कार्रवाई के नाम पर सिर्फ झुंझना ही रह जाता है ।
बहुत ही शर्मनाक है ऐसी हरकत।
ऐसी भक्ति किस काम की?
घुघूती बासूती
यह पूजा के नाम पर दिखावा और ढकोसला करने वाले लोगों की करतूत होती है. ऐसे लोगों को पूजा - पाठ से ज्यादा उसका दिखावा करने की इच्छा होती है. मैं अपने मोहल्ले में ब्रह्म-मुहूर्त में उठने वाले अधिकांश लोगों को दूसरे के बागीचों से पूजा के लिए फूल चुराते देखता हूँ तो वितृष्णा सी हो आती है ऐसे पोंगा पंडिताई पर.......
ye sach meiN hi
ek chintaa ka vishay hai
aur to aur...
padhe-likhe log bhi
isee tarah karte haiN....
aur kaanoon....
wo kyaa hotaa hai..??!!
भगवान के नाम पर भी लोग कैसी गन्दगी फ़ैलाते हैं-----इनके खिलाफ़ कारवाई होनी ही चाहिये।
पूनम
धर्म के नाम पर हर कोई बस दिखावा करने में लगा है....न तो किसी को पूजा-पाठ,भक्ति का ज्ञान और न ही अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का ही कोई भान ।
बस चल रहा है.......
आपके ब्लॉग पर बहुत देर से आना हुआ - हममें से ज्यादातर तो स्वयं ऐसा करते हैं कुछ देखकर भी अनदेखा कर देते हैं उस मुद्दे को आपने यहाँ उठाया - धन्यवाद्. इस विश्वास के साथ कि कुछ तो असर होगा.
हे राम ये लोग कितने गैर जिम्मेदार है.
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