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Sunday, October 4, 2009

जीवन एक संघर्ष


जीवन एक संघर्ष है ,
बचपन बीते ,
जवानी बीते ,
न बीते दौर संघर्ष का ,
एक न एक दिन तो होना ही है ,
अंत हर एक का ,
मगर होता नहीं अंत ,
संघर्ष के खेल का ,
जीवन पथ में आए -
संघर्षों से
शेरनी थकी है ,
हारी नहीं ,
बचपन जाए - जवानी बीते,
भले ही उम्र कट जाए ,
संघर्ष के इस लुका - छिपी के खेल में ,
मुझे अंत तक डटे रहना है ,
क्योंकि -
जीवन का सत्य
व दूसरा नाम ही
संघर्ष है .

मेरे ब्लॉगर साथियों मैं कविता के क्षेत्र में अनाडी़ हूं , मगर कुछ समय पहले मैंने ये चंद लाइनें लिखीं और अलमीरा के किसी कोने में रख दी । आज कुछ तलाशते वक्त मेरे हाथ ये लाइनें लग गई और मैंने इन्हें अपने ब्लॉग पर देकर आप लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है । अब पता नहीं आप लोगों को ये लाइनें पसंद आएंगी या नहीं ? खैर जो भी हो आप मुझे अपने विचारों से अवश्य अवगत कराएं । मेरी गलतियों को सुधारने का कष्ट करें तथा गलतियों के लिए क्षमा करें ।

4 comments:

दिव्य नर्मदा divya narmada said...

आपमें अभिव्यक्ति क्षमता तथा शब्द सामर्थ्य है. कवितायेँ लिखती रहें तो कलम मंज जायेगी. प्रथम कविता लेखन हेतु शुभकामनायें

Dr. Shashi Singhal said...

हौसला आफजाई के लिए दिव्य नर्मदा का धन्यवाद करती हूं .

रचना गौड़ ’भारती’ said...

कविता सार्थक लगी। लेखन के लिये बधाई। शुभकामनाएं।

अविनाश वाचस्पति said...

संघर्ष में बना रहे हर्ष

तो कविता बनेगी उत्‍कर्ष

करते रहिएगा विमर्श

कविता लिखी जाएगी उत्‍कृष्‍ट।