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Sunday, October 4, 2009

छि: छि: - कितने बेगैरत हैं ये ?

आज के अखबारों की मुख्य खबर - कॉकपिट में चले लात - घूंसे पढ़कर इन पायलटों की गैरजिम्मेदाराना हरकत पर बहुत गस्सा आया । एयर इंडिया के लिए यह बडे़ शर्म की बात है कि ए - ३२० विमान की उडा़न संख्या - आईसी८८४ के कॉकपिट में को - पायलट और परिचारक आपस में भिड़ गए ,इतना ही नहीं दोनों में जमकर हाथापाई हुई । जबकि उस समय विमान ३४ हजार फिट पर उड़ रहा था और विमान में १०६ यात्री सवार थे । वो तो यात्रियों की किस्मत कहिए या एयर इंडिया की कि कोई बडा़ हादसा होते - होते बच गया , वरना एयर इंडिया के इन कर्मचारियों ने आगा पीछा सोचे बिना विमान को अखाडा़ बनाकर सभी यात्रियों की जान जोखिम में डाल ही दी थी ।
हालांकि इस घटना के पीछे कमांडर व को - पायलट द्वारा एक परिचारिका के साथ छेड़छाड़ का होना बताया जाता है ।
पता नहीं इन पायलटों को क्या हो गया है ? कभी अपनी मांगों को लेकर छुट्टी पर चले जाते हैं तो कभी ऎसी ओछी हरकतें करके यात्रियों को मुसीबत में डाल रहे हैं । आखिर ये लोग चाहते क्या हैं ? ये अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं या फिर अवसरवादिता के शिकार हो रहे हैं ?

4 comments:

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

जे शोध का बिषै है कि ऐसी घटना पहले हुई थी कि नहीं?
जे गिनिज बुक में नामदर्जी वाला मामला है ।

Dr. Shashi Singhal said...

बिल्कुल ठीक कहा गिरिजेश जी ने । मैं आपकी बात से शत - प्रतिशत सहमत हूं ।

Unknown said...

हड़ताल के दौरान हाथापाई नहीं कर पाये थे ना… इसलिये सोचा होगा कि… या फ़िर यह भी हो सकता है कि जिस परिचारिका से छेड़छाड़ का मामला बताया जाता है वह यूनियन लीडर की रिश्तेदार हो… :)

दिव्य नर्मदा divya narmada said...

गगनविहारी भी हुए रसिक रूप के आज.
हाथापाई कर रहे तनिक न आती लाज..
संसद में भेजो इन्हें मारें-खाएँ लात.
'सलिल' गधे पर बिठाकर करिया मुँह कर तात..