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Tuesday, December 28, 2010

नए साल की शाम सांई बाबा के नाम

साल 2010 की विदाई वेला और साल 2011 की आगमन वेला आ चुकी है । हम ही क्या पूरा विश्व नये साल के जोर - शोर से स्वागत के लिए  बांहे फैलाए तैयार है । बाजार नई - नवेली दुल्हन की तरह सज गए हैं । हर कोई इसी कोशिश में बेताब दिख रहा है कि नये साल के स्वागत में कहीं कोई कसर ना रह जाए । एक ओर जहां ब्रांडेड कंपनियां अपने उत्पादों को नये साल में नए अंदाज में लेकर बाजार में तहलका मचाने को तैयार हैं । तो वहीं दूसरी ओर आम से लेकर खास आदमी इसी जुगत में लगा है कि नए साल 2011 की नई सुबह को वह क्या खास करे जिससे उसका जीवन खुशियों और उमंग से लबालब हो जाए ।
बच्चे हों या नौजवान या फिर बुजुर्ग व्यक्ति सभी नए साल के लम्हों को अपनी यादों में कैद कर लेना चाहते हैं ।  इस दौरान स्कूल की छुट्टियां होने पर बच्चे घूमने - फिरने व फुल मौज - मस्ती का प्रोग्राम बना रहे हैं । इधर हर उम्र के युवक - युवतियां नए साल की पार्टियों की रंगीनियों में मस्त हैं । मसलन नए साल के स्वागत के लिए सभी बेताब है मगर अपने - अपने अंदाज में । नए साल का स्वागत सिर्फ किटी पार्टियों व पार्टियों की चकाचौंध से ही नहीं हो रहा है बल्कि नए साल की शुरुआत में बड़े स्तर पर  धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित किए जा रहे हैं । युवा सर्व - धर्म सेवा समिति , सैक्टर - 3 , रोहिणी पिछले साल की तर्ज पर इस साल भी नववर्ष का स्वागत सांई भजन संध्या से कर रही है । ऎसा लोगों का मानना है कि यदि साल की शुरूआत अच्छे कामों से की जाए तो पूरा साल जिंदगी अच्छी तरह व्यतीत होती है । जो बीत गया उससे सबक लो और आने वाले समय व भविष्य को संवारो यही सोच कर लोग अपने  आने वाले समय का जोशो - खरोश के साथ स्वागत करते हैं । समिति के अध्यक्ष अटल गोस्वामी का मानना है कि पिछले वर्ष 2010 की शुरूआत उन्होंने सांईबाबा के भजन कीर्तन से की थी जिसका लोगों ने भरपूर आनंद उठाया । अत: आने वाला नया साल 2011 भी सभी लोगों के जीवन को नई उमंग और खुशियों से भर दे इन्हीं उम्मीदों के साथ इस बार भी वह बाबा सांई नाथ की भक्ति से साल की शुरूआत कर रहे हैं ।