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Tuesday, November 2, 2010

जीते - जागते स्टैचू.........

ना ... ना.... ना...ये  कोई सरेआम कत्लेआम नहीं हो रहा है बल्कि ये सिर्फ स्टैचू  है इसे कह सकते हैं बनाने वाले की कला का कमाल ।क्यों है ना आप भी चौंक गए........


और ये साहब ना तो यहां बैठकर किसी का इंतजार कर रहे हैं और ना ही बीच रास्ते में बैठकर भीख मांग रहे हैं । सब कलाकार की कला का नमूना है ।

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