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Monday, May 10, 2010

गजलों और गीतों सजा एलबम ''मेरी दीवानगी''

शायद ही आज कोई ऎसा व्यक्ति हो जो संगीत प्रेमी न हो । संगीत ही एक ऎसी अचूक दवा है जिसे सुनकर इंसान अपने दुख - दर्द सब भूल बैठता है । और तरोताजा हो जाता है । आज मैं अपनी पोस्ट के माध्यम से आप सबको हाल ही में बाजार में आई गजलों व गीतों से सजी एक एलबम की जानकारी दे रही हूं ।
संगीत --- इरोज म्यूजिक                                                         सी डी मूल्य - १४९ रुपये
पिछले दिनों इरोज म्यूजिक ने ''मेरी दीवानगी'' शीर्षक से गजलों व गीतों का एक एलबम रिलीज़ किया है. इस एलबम में ९ गीत हैं जिन्हें गाया है गायक सुमित टप्पू ने. भजन सम्राट अनूप जलोटा के शिष्य सुमित के गाये गीतों को लिखा है शकील आज़मी, असीर बुरहानपुरी व मनोज मुन्तशिर ने व दिल को छू लेने वाली धुनें बनायीं हैं संगीतकार दीपक पंडित ने. सुमित टप्पू के संगीत का सफ़र फिजी से शुरू होकर ऑस्ट्रेलिया होता हुआ मुंबई पंहुचा और यहाँ आकर उनका यह एक सपना पूरा हुआ इरोज म्यूजिक के माध्यम से.


एलबम के पहला गीत है ''दिल लगता नहीं कहीं तेरे बिन'' अच्छा है सुनने में. फिर इसके बाद शीर्षक गीत ''मेरी दीवानगी'' , ''प्यार हो जाने दो'', ''मेरे साथ न चल'', '' सपनो में खो जाये'', ''एक तेरा साथ है'', ''मुझसे तू दूर'' ,''रोज़ कहाँ'' और सबसे आखिरी में है गीत ''मेरी दीवानगी'' डांस वर्जन में.
एलबम के सभी गीत अच्छें हैं और उस पर गायक सुमित की आवाज में भी एक मिठास है जो कि सुनने वालों को निश्चित रूप से अपनी ओर खींचेगी. गीत -- संगीत का अच्छा सामंजस्य है ''मेरी दीवानगी” के गीतों में.

4 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

सुंदर मन भावन।

Mithilesh dubey said...

bahut khub ji

बाल भवन जबलपुर said...

सुन्दर ब्लाग अच्छी पोस्ट
आता रहूंगा

सहज समाधि आश्रम said...

इसका कवर बेहद क्लासिक और कलात्मक लग
रहा है पर आपको कुछ सृजनात्मक करने के
बजाय ये समीक्षा करने की क्या सूझी..दरअसल
किसी ब्लाग पर जाकर खाली लौटना एक खीज
सी पैदा करता है..खैर हैप्पी डे .
satguru-satykikhoj.blogspot.com