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Thursday, October 8, 2009

ट्रेन में चाय पीना अपने स्वासथ्य से खिलवाड़ करना ...



यूं तो रेलवे विभाग खामियों का भंडार है लेकिन कभी - कभी ऎसे वाकये सामने आते हैं जिन्हें देख - सुनकर आंखें खुली की खुली रह जाती हैं देखो तो ये रेलवे कर्मचारी अपनी कैसी - कैसी कारगुजारियों से रेल यात्रियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं हाल ही में इन रेल कर्मचारियों की ऎसी घिनौनी कारगुजारी को सामने लाता हुआ एक मेल मेरे पास आया , जिसे मैं आप सबके साथ शेयर किए बिना नहीं रह सकी .


ये वाकया जनशताब्दी एक्सप्रेस का है , जो कि कोंकण रेलवे की देखरेख में है ,मेलप्रेषक स्वयं इसमें सफर कर रहे थे , जब उन्होंने देखा तो तुरंत उसकी फोटो उतार ली आंखोदेखा हाल बयां करते हुए प्रेषक ने बताया है कि रेलयात्री अपनी यात्रा के दौरान खाना लें या नहीं लेकिन अधिकांश यात्री चाय की चुस्कियां लेते जरूर दिख जाते हैं या यूं कह लीजिए कि चाय की चुस्कियों के बीच वे सफर का लुत्फ उठाने के साथ - साथ समय को आसानी से व्यतीत करने की जुगत में रहते हैं मगर उन बेचारों को इस बात का जरा भी आभास नहीं है कि वे जो चाय पी रहे हैं वह कैसे तैयार की जाती है दरअसल ये लोग चाय को केन्टीन के टॉयलेट में तैयार करते हैं चाय बनाने का सभी सामान वहीं टॉयलेट के फर्श पर रहता है पानी का टैब भी वहीं से लिया होता है और चाय उबालने के लिए बाथ हीटर का प्रयोग किया जाता है जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है ज्यादा क्या लिखूं सारा माजरा आप लोग स्वयं चित्र देखकर समझ जाएंगे ..........

10 comments:

Murari Pareek said...

सचमुच बहुत अच्छी जानकारी दी आपने ऐसी चाय पिने से अच्छा है की बिना चाय के ही काम चलाया जाए |

रंजू भाटिया said...

उफ्फ्फ आगे से चाय से भी सफ़र में तौबा शुक्रिया इस जानकारी के लिए

Unknown said...

अच्छी जानकारी..

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

शशि सिंघल जी, यहाँ आप गलत जानकारी दे रहे हैं । ये तस्वीर और ये घटना भारत की किसी रेलगाडी की नहीं हैं....बल्कि विदेश की है ।
आज ही ये मेल मुझे भी मिली थी..जिसमें इस चित्र सहित इसके बारे में विस्तार से लिखा हुआ था....उसमें किसी अन्य देश और वहाँ के किसी शहर के बारे में बताया गया था(नाम अब याद नहीं आ रहा)
अब ये तो नहीं पता कि किसने जगह और रेलगाडी का नाम बदल डाला :)

शरद कोकास said...

मुझे भी लगता है यह हमारे देश का चित्र नही हो सकता इतने टीबैग और बाथ हीटर ? हमारे यहाँ तो सफेद वाटर कलर मिलाकर दूध बनाया जाता है और..

gspabla said...
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मुन्ना कुमार पाण्डेय said...
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मुन्ना कुमार पाण्डेय said...

पर मुझे लगता ही कि बात में दम है और यह संभव है कि पंडित वत्स जी के पास ऐसा ही या इससे मिलता-जुलता मेल आया हो जो विदेश के किसी जगह से हो पर इस टब(जो तस्वीर में दिख रही है)में irctc वाले कप खालिस अपनी ही रेलवे में यूज होते हैं इसमें दो राय नहीं ...बहरहाल अच्छी जानकारी

दिव्य नर्मदा divya narmada said...

चाय है या बलाय है? जो पिए वो भी पछताए...जो न पिए वो भी पछताए.

अविनाश वाचस्पति said...

चाय जो लाभ पहुंचाती है

इस तरह नुकसान का वायस बन जाती है

सावधान रहना होगा इससे

चाहे चित्र विदेश का हो या देश का

पर नीयत कहीं भी खराब हो सकती है

लालच कुछ भी करा सकता है

सावधान रहना आवश्‍यक है।