Followers

Monday, November 21, 2011

भिवानी गौरव सम्मान समारोह बडी़ धूमधाम से सम्पन्न


नई दिल्ली  - दिल्ली हाट, पीतमपुरा में भिवानी गौरव सम्मान समारोह बडी़ धूमधाम से सम्पन्न हुआ ।  भिवानी परिवार मैत्री संघ के  सालाना कार्यक्रम भिवानी गौरव सम्मान समारोह में सम्मान पाने वालों में भिवानी जिले के मूल निवासी लेफ्टिनेंट जनरल( रिटायर्ड ) जे बी एस यादव, नीमडी गाँव के सरपंच शेरसिंह आर्यराजेन्द्र स्वरूप राजन नरेन्द्र्जीत सिंह रावल,  देवब्रत वशिस्ठहरिचरण पीटीआईरेड क्रॉस के सचिव श्याम सुन्दर , पं शिव नारायण शास्त्री और तुशार मेह्ता शामिल थे।  
समारोह के मुख्य अतिथि हरियाणा के सहकारिता मंत्री और चरखी दादरी से विधायक सतपाल सांगवान ने संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यक्रमों की प्रशंसा की और कहा कि संस्था को उनका सहयोग हमेशा मिलता रहेगा । समारोह में मुख्यमंत्री के मुख्य संसदीय सचिव अनिल भारद्वाज, शालीमार बाग से विधायक रविन्द्र बंसल, वजीरपुर से विधायक हरि शंकर गुप्ता  सहित  दिल्ली  और  भिवानी  जिले  की  कई  जानी  मानी  हस्तियों ने  शिरकत की। 
भिवानी परिवार मैत्री संघ के संरक्षक और समारोह के स्वागताध्यक्ष पुश्पेंदर गोयल ने बताया कि भिवानी गौरव सम्मान हर साल दिल्ली की स्वयं सेवी संस्था भिवानी परिवार मैत्री संघ की तरफ से दिए जाते हैं ...गोयल के मुताबिक उनकी संस्था समाज में उल्लेखनीय काम करने वाले लोगों को यह सम्मान देती है जिन्होंने भिवानी जिले का नाम रौशन किया हो ... ये पुरुस्कार भी भिवानी जिले के प्रतिष्ठित महानुभावों के नाम पर शुरू किये गए हैं ... स्वतंत्रता सेनानी  पंडित  नेकी राम शर्मा के नाम पर देश सेवा चौधरी बंसी लाल लोक प्रशासनमास्टर बनारसी दस गुप्ता पत्रकारिता राम कृषण गुप्ता शिक्षा लाला फ़कीर चंद समाज सेवा जैसे कुल आठ सम्मान दिए गए ।.इस मौके पर नारायणी देवी महावीर प्रसाद भग्ग्नका की स्मृति में हरियाणवी कलाकारों द्वारा रंगा रंग कार्यक्रम भी पेश किया जायेगा... समारोह में दिल्ली और भिवानी जिले की कई जानी मानी हस्तियों के हिस्सा लिया।

Wednesday, September 14, 2011

आज हिन्दी दिवस पर शुभकामनाएं

आज हिन्दी दिवस है । इस अवसर पर सभी हिन्दी ब्लॉगर्स को शुभकामनाएं ......... आइए , हम हर साल की तरह इस साल भी हिन्दी को पूरी तरह अस्तित्व में लाने तथा हिन्दी ब्लॉगिंग और ऊंचाईयों तक ले जाने का प्रण लें । और जो लोग हिन्दी ब्लॉगिंग से नहीं  जुड़ पाएं हैं उन्हें इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करें



तीन के फेर में बीजेपी

उत्तराखंड में खंडूरी की ताजपोशी भले ही बीजेपी का एक सीधा राजनीतिक फैंसला दिखाई दे.... लेकिन यह सत्ता परिवर्तन बीजेपी नेतृत्व के लिए कई सवाल भी छोड गया है |
पांच साल के कार्यकाल में बीजपी को तीसरी बार अपना मुख्यमंत्री बदलना पडा है | सही मायने में बीजेपी का यह फैंसला विपक्ष के इसआरोप को मजबूती देता है कि बीजेपी को राज करना नहीं आता | बीजेपी शासित राज्यों में अब  उत्तराखंड  का नाम भी उन राज्यों की लिस्ट में जुड़ गया है जहां पार्टी को एक ही कार्यकाल में तीन तीन बार मुख्यमंत्री बदलने पड़े हैं | इससे पहले उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह, मध्यप्रदेश में उमाभारती, बाबू लाल गौर और फिर शिवराज सिंह चौहान को बारी बारी से राज्य की कमान सौंपी गई | जबकि दिल्ली में मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा के बाद सुष्मा स्वराज को पार्टी ने आजमाया | कमोबेश यही हालात गुजरात और झारखंड में रहे |.गुजरात में केशुभाई पटेल को हटाकर सुरेश मेहता को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाया लेकिन ज्यादा दिन वे चल नहीं सके | लिहाजा शंकर सिंह वाघेला बगावत करके तीसरे मुख्यमंत्री बन गए | जबकि नए बने राज्य में पहले बीजेपी ने झारखंड में बाबू लाल मरांडी में अपना विश्वास जताया | कुछ दिन बाद ही अर्जुन मुंडा पार्टी हाई कमान को सबसे सूटेबल सीएम दिखाई देने लगे | लेकिन मामला यहां भी नहीं जमा और शिबू सोरेन बीजेपी के समर्थन से तीसरे मुख्यमंत्री बन बैठे |
अलबत्ता छत्तीसगढ और राजस्थान अपवाद जरूर रहे | राजस्थान में भी मामला गंभीर था | लेकिन महारानी..  वसुंधरा राजे सिंधिया ने हाई कमान को अंगूठा दिखा दिया था | अब अगर बात करें कांग्रेस की तो मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में एनडी तिवारी ने लगातर लम्बी पारी खेली | दिल्ली में शीला दीक्षित लगातार तीन बार से मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठीं हुईं हैं |
साफ है कि या तो बीजेपी हाईकमान की पार्टी पर पकड़ कमजोर या फिर उनके (आंकलन )  फैंसले ठीक नहीं होते हैं |  हालांकि पार्टी अपने फैंसलों को स्वस्थ्य लोकतंत्र का हिस्सा करार दे रही है |.लेकिन विरोधी इसे सत्ता की लड़ाई और अस्थिरता की निशानी बता रहे हैं |

Sunday, September 4, 2011

अब देशभक्त बने अश्मित पटेल....

 अश्मित पटेल जी हाँ वही जो ''बिग बॉस'' में पाकिस्तान की वीना मलिक से इश्क लड़ाते हुए दिखाई दिये थे और जो अभी यू टी वी बिंदास के एक शो ''सुपर स्टड''  में लड़कों को यह सिखा रहे हैं कि कैसे लड़कियों को पटाते हैं. इसके अलावा अश्मित के चर्चे आजकल इसलिए भी हो रहे हैं क्योंकि जल्दी ही उनकी एक नयी फ़िल्म रिलीज़ होने वाली है जिसमें अश्मित अभी तक अभिनीत किये गये अपने पिछले चरित्रों से बिल्कुल ही अलग एक देश भक्त के रूप में दर्शकों के सामने दिखाई देंगें. 
सिल्वर स्क्रीन पिक्चर्स लिमिटेड की फ़िल्म ''द फ्लैग'' को प्रेजेंट किया है, जोर्ज मैथ्यू कत्तुकरण ने  जिसके निर्देशक हैं सजीव बलाथ. फ़िल्म '' फ्लैग'' की कहानी है  १९४० के समय की. जब एक गाँव में अंग्रेजों व गाँव वालों के बीच 'फ्लैगको लेकर एक खेल शुरू होता है और इस खेल के शिकार पहले गाँव वाले और फिर गोरे अंग्रेज कैसे होते हैं यही दिखाया है निर्देशक ने .
इस फ़िल्म में अश्मित एक गाँव वाले की भूमिका में हैं और यह उनकी बहुत ही शानदार भूमिका है जब यह फ़िल्म रिलीज़ होगी तब उनकी एक नयी ही इमेज दर्शकों के बीच कायम होगी.  

Thursday, September 1, 2011

दिल्ली नागरिक विधेयक 2011.................


दिल्ली मे १५ सितम्बर से सिटीजन चार्टर करने का फ़ैसला भले ही राजनीतिक फंडा  हो, लेकिन इससे आम आदमी को कुछ कुछ फ़ायदा जरुर मिलेगा
दिल्ली सरकार ने दिल्ली नागरिक विधेयक 2011 को कडा़ई से लागू करने का ऎलान किया है इस विधेयक के मुताबिक सभी सरकारी विभागों को अपना सिटीजन चार्टर बनाना होगा इस सिटीजन चार्टर से आम आदमी को केवल संबंधित विभाग से जुडी़ सभी जानकारियां मिलेंगी बल्कि वह अपना काम भी एक तय समय सीमा के भीतर करवा पाएगा  
सरकार ने राजस्व विभाग से जुडे़ आय प्रमाण पत्र जैसे सर्टिफिकेट जारी करने की अधिकतम सीमा 21 दिन , जन्म - मृत्यु प्रमाणपत्र की  7 दिन , राशन कार्ड बनाने के लिए 43 दिन , ड्राईविंग प्रमाणपत्र के लिए 21 दिन निर्धारित की है तय समय में काम नहीं करने वाले सर्कारी कर्मचारी के वेतन में से देरी के लिए दस रुपए रोज का जुर्माना काटा जाएगा यही नहीं दोषी अधिकारी की गोपनीय रिपोर्ट में भी ये टिप्पणी दर्ज की जाएगी जिसका असर उसकी तरक्की पर भी पडे़गा  
सरकार ने पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की भी बात कही है ।दिल्ली नागरिक विधेयक 2011लागू होने के बाद दिल्ली राज्य  सिटीजन चार्टर  को लागू करने वाला मध्य प्रदेश के बाद  देश का दूसरा प्रदेश बन जाएगा  
हालांकि देरी के लिए लगाए जाने वाले दंड की राशि काफी कम है लोगों का मानना है कि जब रिश्वत के रूप में सैकडो़ और हजारों रुपए चलते हों  तो ऎसे मे दस रुपए रोज का जुर्माना कर्मचारियों को सुधार पाने में कितना  मददगार होगा यह कहना मुश्किल है मगर इतना जरूर  है कि  यदि इस प्रक्रिया को पूरी ईमानदारी से लागू किया गया तथा उसका कडा़ई से पालन किया गया तो भ्रष्टाचार पर किसी हद तक काबू पाया जा सकता है .......