कर खुद को बुलंद इतना
कि खुदा तुझसे पूछे
बता तेरी रजा़ क्या है ..........
चंडीगढ़ के अभिनव बिंद्रा ने ओलंपिक खेलों में पुरुषों की १० मीटर एयर रायफल में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है । बिंद्रा ने एक ओर जहॉ भारत मे पिछले २८ सालों से चले आ रहे स्वर्ण पदक के अकाल को खत्म किया है , वहीं दूसरी ओर बिंद्रा ने के ११२ साल के इतिहास में भारत को पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाकर एक इतिहास रच दिया है ।विश्व पटल पर भारत का झंडा बुलंद करने वाला यह नौजवान आज समूचे भारत का मान बन गया है । तभी तो बिंद्रा की इस महान उपलब्धि पर सबने इनामों की बर्सात कर दी है ।
लेकिन बानगी तो देखिए कि २५ साल के बिंद्रा अपनी इस महान जीत पर एक्दम तटस्थ हैं । उनके चेहरे पर खुशी के भाव हैं किंतु पागलपन नहीं है , लगता है बिन्द्रा इससे भी कुछ और ज्यादा करने की तमन्ना रखते हैं । संयम, समर्पण, शालीनता, जुनून, जज्बा और एकाग्रता की प्रतिमूर्ति बिंद्रा की सफलता का मूलमंत्र भी शायद यही है कि हर हाल में अपनी भावनाओं पर काबू रखो और अर्जुन की तरह चिडि़या की ऑख पर नजर रखो । बेहतर होगा कि हमारे अन्य खिलाडी़ भी अपने खेल जीवन में इसी मूलमंत्र को अपना लेंगे तो जो आज बिंद्रा ने सपना साकार कर दिखाया है वह वे भी कर सकते हैं ।
देखिए तो बिंद्रा ने अपनी जीत पर कितनी गूढ़ बात कही है , उन्होंने कहा है कि ”यह जीत रोमांचकारी है और मैं समझता हूं कि इससे भविष्य में भारतीय खिलाडि़यों के ओलंपिक अभियान को प्रेरणा मिलेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय खिलाडि़यों की सोच बदल जाएगी। अभी तक देश में ओलंपिक खेल खिलाडि़यों की उच्च प्राथमिकता नहीं रही है , पर अब लोगों की सोच बदलेगी सच्मुच यदि देश का हर खिलाडी़ ऎसा सोच ले तो देश का नाम रोशन होने से कोई नहीं रोक सकता । वैसे भी हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, बस जरूरत है जुनून, जज्बा और एकाग्रता की ।
बहरहाल , हम बिंद्रा से भी यही उम्मीद रखते हैं कि वे अपने इस विजय अभियान को जारी रखने की दिशा में काम करते रहें , पूरा भारत उनके साथ है ।
धन्य है बिंद्रा के माता-पिता और धन्य है हमारा भारत देश !
विजयी विश्व बिंद्रा हमारा,
बढ़्ता जाए यही नारा हमारा ।
4 comments:
अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है.........
एकदम सही लिखा है। पूरे देश में आनन्द की सरिता प्रवाहित है। बधाई
जीत की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं!
चक दे फट्टे, मार लिया मैदान, जीत ली जंग, दे दिया जवाब, बन गये बादशाह, ख़ुशी से झूम रहा है पूरा देश ........... शाबाश अभिनव !
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