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Friday, July 29, 2011

शहीदों का सम्मान समारोह व राष्ट्रीय अभियान 15 अगस्त को .......

आज देश में देशभक्त शहीदों का अपमान, चारो तरफ फैले भ्रस्टाचार, प्राकृतिक संसाधनों की लूट, भारत के अन्दर व बाहर जमा कला धन, महंगी असमान शिक्षा, बेइंतहा महंगाई, बेरोजगारी, किसानों से जबरदस्ती भूमि अधिग्रहण, खुदरा व्यापर में विदेसी निवेश.............आदि ,आदि .
करोड़ों भारतीयों की जिन्दगी को बदहाली व भारत को गुलामी की तरफ धकेलने वाले इन काले कारनामों से मुक्ति क्या सिर्फ एक कानून बनने या सिर्फ एक पार्टी कि जगह दूसरी पार्टी की सत्ता लाने से संभव होगा? नहीं , हरगिज नहीं ! इसके लिए हमें भ्रष्ट व्यवस्था तथा इसको संरक्षण देने वाली सत्ता दोनों को बदलना होगा .
यह तभी संभव है जब देश के सभी इमानदार देशभक्त, लोकतान्त्रिक, समाजवादी, वामपंथी, विचारों वाले सभी धर्म, जाति, क्षेत्र व भाषा के व्यक्ति, स्वतंत्रता सेनानी व उनके परिवारजन सभी पार्टियाँ व किसान, मजदूर, व्यापारी, छात्र, युवा, महिला, कर्मचारी, पत्रकार, शिक्षक, लेखक, संस्कृतिकर्मी, गायक, नाटककार, अभिनेता आदि के द्वारा मिलकर रास्ट्रीय आन्दोलन चलाया जाय. इस आन्दोलन के साथ ही साथ वैकल्पिक व्यवस्था की रूपरेखा तथा उसको संचालित करने वाले नेतृत्व के निर्माण की प्रक्रिया चलाई जाए । अपने इसी संकल्प को लेकर तीसरा स्वाधीनता आंदोलन के तहत आग्ग्मी 15 अगस्त को सुबह दस बजे जंतर - मंतर पर शहीद सम्मान समारोह व राष्ट्रीय अभियान च्लाया जाएगा । जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों के भाग लेने की उम्मीद है । संस्था के राष्ट्रीय संगठक गोपाल्जी राय का कहना है कि लोग निम्न कार्यों के जरिये अपने इस राष्ट्रीय धर्म को निभा सकते हैं -
१- सभी अवरोधों व प्रलोभनों के बावजूद भारत व भारतियों की मुक्ति के लिए ईमानदारी व सादगीपूर्ण संघर्ष के लिए जीवन संकल्प.
२- आप जिस भी संगठन, पार्टी, समूह, क्षेत्र से जुड़ें हैं वहां इमानदार देशभक्त, लोकतान्त्रिक, समाजवादी, वामपंथी, विचारों वाले सभी धर्म, जाति,क्षेत्र व भाषा के व्यक्तियों को मिलकर रास्ट्रीय आन्दोलन चलाने के लिए प्रेरित करें.

३- अपने संगठन, पार्टी, समूह, क्षेत्र के आलावा अपने जानने वाले संगठन, पार्टी, समूह, क्षेत्र के मित्रों से संयुक्त रास्ट्रीय आन्दोलन की बात करें.
४- अपने फेसबुक, ब्लॉग, समाचार पत्र, पत्रिका, अपने संगठन के पर्चे, इलेक्ट्रानिक चैनल पर इसकी चर्चा करें तथा अपने दोस्तों को sms करें.

Tuesday, July 12, 2011

श्रीकृष्ण गौशाला , गौसंवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र का शिलान्यास

सालोंसाल से हम चंद लाइनें हैं जो सुनते , दोहराते व मानते भी आए हैं । जैसे गाय हमारी माता है , गाय पूज्यनीय है । हिंदू संस्कृति में गाय को पूजा जाता है । गौरक्षा हमारा परम कर्तव्य है लेकिन पिछले कुछ सालों में गौरक्षा में कमी आई है । हम और हमारा समाज गौमाता की रक्षा करने के अपने कर्तव्य से विमुख हुआ है । परिणामस्वरूप गाय रखरखाव व देखभाल के अभाव में सड़कों पर आवारा घूम रही हैं । हालांकि कुछेक स्थानों पर गौशालाएं हैं , लेकिन वह नाकाफी हैं । इसी कमी को देखते हुए कुछ समाजसेवी संस्थाएं हैं जो इस दिशा में काम कर रही हैं और लोगों को जागरूक कर रही हैं।
आपकी जानकारी के लिए मैं बताना चाहूंगी कि आने वाली 19 जुलाई दिन मंगलवार को काबरेल , हिसार [ हरियाणा ] में श्रीकृष्ण गौशाला , गौसंवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र का शिलान्यास किया जाएगा । इस केन्द्र का शिलान्यास मुख्य अतिथि माननीय डॉ. मोहनराव भागवत करेंगे । इस केन्द्र को खोले जाने का उद्देश्य है कि गाय की उत्तम नस्ल विकसित की जाए । खेती के लिए गौ - मूत्र से कीट नियन्त्रक तैयार किए जाए , गोबर से खाद बनाई जाए , बैल चलित ऊर्जा उत्पाद एवं यन्त्रों का निर्माण हो , गौ मूत्र व अन्य घटकों द्वारा दवाईयों एवं घरेलू उपयोग की सामग्री [ धूप , साबुन , शैम्पू आदि ] का निर्माण करना ।
इस केन्द्र के निर्माण का बीडा़ उठाया है केशव माधव धाम ट्रस्ट [रजि.] काबरेल , हिसार दवारा । इस केन्द्र के प्रथम चरण में प्रस्तावित कार्यों में अनुमानित खर्च की राशि एक करोड़ से अधिक है । यूं तो इस काम को सफलता से अंजाम तक पहुंचाने में ट्र्स्ट के सदस्य लगे हुए हैं । मेरा आप सब पाठकों व दानवीरों से अनुरोध है कि आप लोग भी बढ़ - चढ़कर इस महायज्ञ में धनरूपी आहुति देकर ट्रस्टियों का सहयोग करें ।

Monday, July 11, 2011

अच्छे इंसान के अन्दर होता है ''एक बुरा आदमी'


 निर्देशक इशराक शाह की पहली ही फ़िल्म है ''एक बुरा आदमी', वैसे तो उन्होंने लेखक निर्देशक गुलज़ार के साथ बतौर सहायक काम किया है, लेकिन स्वतंत्र  निर्देशक के रूप में यह उनकी पहली फ़िल्म है. पोलिटिकल थ्रिलर पर ही फ़िल्म बनाने का क्यों सोचा? पूछने पर उन्होंने कहा कि, ''क्योंकि सारे देश में यही हो रहा है, हर कोई चाहता है कि वो राजनीति में आये जिससे उसकी पावर बढ़े''.
 उदयपुर में फ़िल्म शूट करने के बारें में क्यों सोचा? क्या कोई विशेष वजह?  इशराक ने कहा,''क्योंकि मैं खुद राजस्थान का हूँ तो मैं चाहता था यहाँ अपनी पहली फ़िल्म की शूटिंग जरुर करूं और वैसे भी राजस्थान में जहाँ भी नजर जाती है ख़ूबसूरती ही दिखाई देती है.''
फ़िल्म का नाम ''एक बुरा आदमी'' रखने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि, ''फ़िल्म में हमने दिखाया है कि हर अच्छे इंसान के अन्दर एक बुरा आदमी  भी छिपा होता है, फ़िल्म की कहानी के मुताबिक मुझे यह नाम ही सही लगा.'' 
अरुणोदय सिंह के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, ''जैसा मैंने सोचा था उससे भी अच्छा काम किया है उन्होंने, जब दर्शक देखेंगे इस फ़िल्म में उनके अभिनय को तब उन्हें पता चलेगा कि जो  मैं कह रहा हूँ वो बिल्कुल ही सही है. अरुणोदय के अलावा रघुबीर यादव, किट्टू गिडवानी व यशपाल शर्मा का काम भी अच्छा है.''  
किट्टू गिडवानी का गेटअप और बोलने का अंदाज बिल्कुल मायावती जी जैसा ही आपने दिखाया है क्यों? पूरा नही लेकिन कुछ - कुछ उनके जैसा चरित्र आप कह सकते हैं, मुझे एक महिला  राजनीतिज्ञ का चरित्र दिखाना था अपनी फ़िल्म में. मुझे लगा कि उनके जैसा दिखाना ही सबसे ज्यादा अच्छा है.''